*महाशिवरात्रि को लेकर धिमेश्वर धाम सजधज कर तैयार,आज होगा गौरा संग भोलेनाथ की शादी*बनमनखी(पूर्णियां):-महाशिवरात्री को लेकर बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र का माहौल भक्ति मय बना हुआ है.इस अवसर पर क्षेत्र के सभी शिवालयों को दुल्हन की तरह सजाया गया है.खासकर काझी हृदयनगर-मलिनिया मार्ग पर अवस्थित धिमेश्वर धाम का साज सज्जा का मनोरम दृश्य देखते हीं बनता है.यहां गुरुवार की सुबह से हीं जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों तांता लगा रहा.
मंदिर कमिटी के अध्यक्ष कमलेश्वरी प्रसाद सिंह उर्फ कमल सिंह ने बताया कि धिमेश्वर धाम मंदीर मेंमहाशिवरात्री के अवसर पर चार दिनों तक मैला का आयोजन किया जाता है.जिसे देखने के लिए बिहार, बंगाल, नेपाल सहित आस-पास के कई राज्य से शिव भक्त आते हैं एवं आपरूपी बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर मनवांछित फल पाते हैं.उन्होंने बताया कि शिवरात्री पुजा के पहला दिन यानी शुक्रवार की संध्या बनमनखी स्थित कोशी प्रोजेक्ट शिवमंदीर से शिव भक्तों की टोली आकर्षक झांकिया तथा गाजे बाजे के साथ बारात के शक्ल में धिमेश्वर धाम पहूचेंगे जहाँ माता गौरी के साथ बाबा भोले की विवाह रश्म को पुरी की जाएगी.मौकै पर विभिन्न इलाके से महिला पहुँच कर विवाह गीत सहित भोलेनाथ पर अधारित भजनों को गाकर माहौल को भक्तिमय कर देंगे.इधर मैला को लेकर अनुमंडल प्रशासन भी पूरी तरह चौकसी बरत रही है.अनुमंडल क्षेत्र के सभी शिवालयों पर जिला से भारी संख्या में महिला तथा पुरूस पुलिस बल को तैनात कर दिया है.गुरुवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार धिमेश्वर मंदिर पहुच कर आयोजित हो रहे शिवरात्रि मेला का जायजा लिया तथा मौजूद अधिकारी व कर्मी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया.मौके पर मेला कमिटी के अध्यक्ष कमल सिंह ने बताया कि फिलहाल शिव मंदिर का निर्माण चल रहा है.इस बार भी शिव भक्तों के लिए अर्घा की सुविधा प्रदान किया जाएगा.
एसडीपीओ श्री कुमार ने कहा कि इस बार भी सुरक्षा के मद्देनजर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की जाएगी.साथ हीं मंदिर कमिटी व मेला के सैरात धारी अजय कुमार अमन को सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है.मौके पर प्रशिक्षु डीएसपी सत्रुघ्न कुमार मंडल, बीडीओ सरोज कुमार आदि मौजूद रहे.
क्या है धिमेश्वर धाम मंदीर का इतिहास
पूर्णिया जिला के बनमनखी अनुमंडल से सटे पूरब उत्तर में काझी हृदयनगर पंचायत के धीमा ग्राम में अवस्थित बाबा धीमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में सुंदर एवं आपरूपी शिवलिंग है जो गिने-चुने ज्योर्तिलिंगों में से एक है. इस शिवलिंग की ख्याति काफी दूर-दूर तक फेली हुई है. कहा जाता है कि इस तरह का सुंदर शिवलिंग केवल रामेश्वरम में ही है. यह शिवलिंग पारदर्शी ग्रेनाईट का है जिसमें लोगों को अपना अक्श साफ-साफ दिखाई देता है. लोगों का मानना है कि यहां दिल से मांगी गई हर मुरादें पूरी होती है.मान्यता है कि असुरों के सम्राट हिरण्यकश्यपु यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते थे. हिरण्यकश्यपु के अराध्यदेव महादेव ही थे तथा इस मंदिर से सटे पश्चिम हिरण्यकश्यपु के किला के भग्नावशेष सहित प्रह्लाद खंभ धरहरा के हृदयनगर में अवस्थित हैं, जिसे फाड़कर भगवान विष्णु ने नरसिंहवतार लिया था. जहाँ इसी वर्ष बिहार सरकार ने सरकारी खर्च पर राजकीय होलिका महोत्सव कार्यक्रम की आगाज किया है.अब हर साल वहां सरकारी खर्चे पर होलिका महोत्सव का आयोजन होगा.धिमेश्वर मंदीर के बारे में यूं तो कई किदवंतीयां प्रचलित है.कहा जाता कि प्राचीन काल में इस स्थल पर निर्जन जंगल था तथा आपरूपी शिवलिंग पर एक फूस का छप्परनुमा घर था जिस पर शिवालय बनाने का प्रयास चम्पानर स्टेट के राजा द्वारा किया गया था. लेकिन उन्हें इस कार्य में सफलता नहीं मिल पाई. बाद में धीमा ग्राम के शिवभक्त प्रताप झा ने जन सहयोग से यहां मंदिर बनवाया.वर्ष 1990 से यहां विधिवत शिवभक्तों द्वारा कांवर में जल भरकर लाने एवं जलाभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ की गई जो अबतक कायम है.